कोरे पन्नों पर दिन रात हम तो लिखते हैं
लोग कहते हैं कि आशिकों से हम दिखते हैं
हम क्या करें साईं अब तुम ही कह दो
दिल तुम्हें याद कर के ही सुकूं पाता है
नज़र उठाते हैं तो सामने तुम होते हो
लोग कहते हैं कि आशिकों से हम दिखते हैं
हम क्या करें साईं अब तुम ही कह दो
दिल तुम्हें याद कर के ही सुकूं पाता है
नज़र उठाते हैं तो सामने तुम होते हो
नज़र झुकाते हैं तो दिल में उतर आते हो
तुम्हीं कहो नज़रों को हम कहां फेरें
हर तरफ तेरा ही दीदार हुआ जाता है..
!! ..जय साईं राम.. !!
तुम्हीं कहो नज़रों को हम कहां फेरें
हर तरफ तेरा ही दीदार हुआ जाता है..
!! ..जय साईं राम.. !!
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