ॐ सांई राम
साईं तेरी लीला कभी समझ ना पाऊ मैंतेरे चरणों में सदा शीश
झुकाओ मैं पानी से भी तुने दीप
जलाये हैनीम के पत्ते तुने मीठे बनाये हैतेरी महिमा कैसे
गुणगान गाऊ मैंतेरी नाम वाली सदा
जोत जलाऊ मैं
साईं तेरी लीला कभी समझ ना पाऊ मैंतेरे चरणों में सदाशीश
झुकाओ मैं कहाँ तुम पैदा हुएकौन
माँ बाप साईंसारी दुनिया नाअभी ताक ये जान पाई हिंदू हो ना
मुस्लिमसिःक हो ना
इशाईसभी धर्मो में है समाये मेरे बाबा साईंजन्नत से प्यारी
तेरी शिर्डी ही जाऊ मेंतेरी नाम
की विभूति माथे पे लगाऊ मैं
साईं तेरी लीला कभी समझ ना पाऊ मैंतेरे चरणों में सदा शीश
झुकाओ मैं बनके फ़कीर बाबा घर
घर माँगा तुनेलेके विष दुनिया से अमृत बाटा तुने दिनदुखियों
का दुःख अपना ही जाना
तुनेसारा संसार साईं अपना ही माना तुने तुझसा दयालु कही ढूँढ
ना पाऊ मेंतेरी करुना के गीत
सबको सुनाऊ मैं
साईं तेरी लीला कभी समझ ना पाऊ मैंतेरे चरणों में सदाशीश
झुकाओ मैं साईं तेरा जीवन भी
कितना महान हैचरणों में तेरे सारा झुकता जहान है किसके है भाव
कैसे तुने पहचान हैबाबा तेरी
शक्ति पे राणा कुर्बान हैतुझसे बिहड़ कर ना कभी रह पाऊ
मेंतेरा बस तेरा बस तेरा ही
होजाऊ मैं
पानी से भी तुने दीप जलाये हैनीम के पत्ते तुने मीठे बनाये
हैतेरी महिमा कैसे गुणगान गाऊ
मैंतेरी नाम वाली सदा जोत जलाऊ मैं !
ॐ सांई राम
Om Sai Ram
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