Wednesday, August 14, 2013

साईं तेरी लीला कभी समझ ना पाऊ मैं

सांई राम
साईं तेरी लीला कभी समझ ना पाऊ मैंतेरे चरणों में सदा शीश झुकाओ मैं पानी से भी तुने दीप
जलाये हैनीम के पत्ते तुने मीठे बनाये हैतेरी महिमा कैसे गुणगान गाऊ मैंतेरी नाम वाली सदा
जोत जलाऊ मैं
साईं तेरी लीला कभी समझ ना पाऊ मैंतेरे चरणों में सदाशीश झुकाओ मैं कहाँ तुम पैदा हुएकौन
माँ बाप साईंसारी दुनिया नाअभी ताक ये जान पाई हिंदू हो ना मुस्लिमसिःक हो ना
इशाईसभी धर्मो में है समाये मेरे बाबा साईंजन्नत से प्यारी तेरी शिर्डी ही जाऊ मेंतेरी नाम
की विभूति माथे पे लगाऊ मैं
साईं तेरी लीला कभी समझ ना पाऊ मैंतेरे चरणों में सदा शीश झुकाओ मैं बनके फ़कीर बाबा घर
घर माँगा तुनेलेके विष दुनिया से अमृत बाटा तुने दिनदुखियों का दुःख अपना ही जाना
तुनेसारा संसार साईं अपना ही माना तुने तुझसा दयालु कही ढूँढ ना पाऊ मेंतेरी करुना के गीत
सबको सुनाऊ मैं
साईं तेरी लीला कभी समझ ना पाऊ मैंतेरे चरणों में सदाशीश झुकाओ मैं साईं तेरा जीवन भी
कितना महान हैचरणों में तेरे सारा झुकता जहान है किसके है भाव कैसे तुने पहचान हैबाबा तेरी
शक्ति पे राणा कुर्बान हैतुझसे बिहड़ कर ना कभी रह पाऊ मेंतेरा बस तेरा बस तेरा ही
होजाऊ मैं
पानी से भी तुने दीप जलाये हैनीम के पत्ते तुने मीठे बनाये हैतेरी महिमा कैसे गुणगान गाऊ
मैंतेरी नाम वाली सदा जोत जलाऊ मैं !
ॐ सांई राम

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