Tuesday, February 12, 2013

Maa




माँ…
माँ संवेदना है, भावना है, अहसास है माँ…
माँ जीवन के फूलों में खुशबू का वास है, माँ…
माँ रोते हुए बच्चे का खुशनुमा पालना है, माँ…
माँ मरूथल में नदी या मीठा सा झरना है, माँ…
... माँ लोरी है, गीत है, प्यारी सी थाप है, माँ…
माँ पूजा की थाली है, मंत्रों का जापहै, माँ…
माँ आँखों का सिसकता हुआ किनारा है, माँ…
माँ गालों पर पप्पी है, ममता की धारा है, माँ…
माँ झुलसते दिलों में कोयलकी बोली है, माँ…
माँ मेहँदी है, कुमकुम है, सिंदूर है, रोली है, माँ…
माँ कलम है, दवात है, स्याही है, माँ…
माँ परमात्मा की स्वयँ एक गवाही है, माँ…
माँ त्याग है, तपस्या है, सेवा है, माँ…
माँ अनुष्ठान है, साधना है, जीवन का हवन है,
माँ…
माँ काशी है, काबा है और चारों धाम है, माँ…
माँ चिंता है, याद है, हिचकी है, माँ…
माँ बच्चे की चोट पर सिसकी है, माँ…
माँ चूल्हा-धुंआ-रोट ी और हाथों का छाला है,
माँ…
माँ ज़िंदगी की कडवाहट में अमृत का प्यालाहै,
माँ…
माँ पृथ्वी है, जगत है, धूरी है, माँ बिना इस
सृष्टी की कल्पना अधूरी है, तो माँ की ये
कथा अनादि है, ये अध्याय नही है…
…और माँ का जीवनमें कोई पर्यायनहीं है,
तो माँ का महत्व दुनिया में कम हो नहीं सकता,
और माँ जैसा दुनिया में कुछहो नहीं सकता, मैं
कला की ये पंक्तियाँ माँ के नाम करता हूँ, और
दुनिया की सभी माताओं
को प्रणाम.


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